"VICHAR"
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किसी जादू से कम न थीं वो उंगलियाँ
जिन्हें थाम सीखा था पहला कदम उठाना
सीखा था जिनसे हर कदम आगे बढ़ना
और जीना कर बेहद आसान हर पल को
थाम कर जिसको कभी हर डर को भूली थी मैं
और देखा दूर असमान में बैठे हर एक तारे को
किया हर पथ को आसान बन कर एक उचित मार्गदर्शक
सिखाया उन्ही उँगलियों ने ईश्वर के हर एक इशारे को
अब बीच सफ़र छोड़ गए हमें दिखा कुछ नए हमारों को
याद आओगे हमेशा हर पल हमें
करते हैं प्रार्थना यही ईश्वर से
जब अंत करे इस जीवन का
पहुचें हम उन्ही बाँहों के सहारे में
जहाँ हो चैन की नींद और ममता भरी वो
प्यारी सी थपकियाँ जो
कर दे दूर सभी
इन दर्द भरे जीवन के दरारों को ……………..
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